
भोपाल (महामीडिया) कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में एक और वायरस A-1 इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है। अब तक 5 राज्यों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में भी जा सकता है, इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इसे रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरुवार को केरल और अन्य दक्षिणी राज्यों से आयात होने वाले पोल्ट्री उत्पादों पर अगले दस दिनों के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया हैI यह वायरस कितना घातक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान के इससे संक्रमित होने के बाद मृत्यु-दर लगभग 60 फीसदी आंकी गई है। इंसान से इंसान में आसानी से संचरण की प्रकृति भी इसको खतरनाक बनाती है, इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के देशों को इसे लेकर आगाह करता रहता है कि ऐसी कोई भी नौबत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर साबित होगी।
अभी तक राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इन राज्यों में कई कौओं और बगुलों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू भारत के लिए कोई नया नहीं है। 2015 के बाद से देश में हर साल जाड़े के दिनों में इस बीमारी के कुछ केस मिलते हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर, मंदसौर और राजस्थान के झालावाड़ से पक्षियों के मरने की खबर और जांच में उनमें एच5एन1 वायरस की पुष्टि के बाद अब इसका दायरा हिमाचल से लेकर केरल तक फैल चुका है। हिमाचल में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी इन दिनों पोंग डैम झील में उतरते हैं, अब तक वहां लगभग 1,800 ऐसे पक्षियों के मरने की सूचना है। केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में मृत बत्तखों में एच5एन1 की पुष्टि के बाद सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। अब तो वहां इसे आपदा घोषित कर दिया गया है और राज्य में कंट्रोल रूम सक्रिय भी हो गए हैं। केरल की इस तत्परता की सराहना की जानी चाहिए।
बर्ड फ्लू कोई नई आपदा नहीं है, लेकिन इसकी प्रकृति को देखते हुए यह वक्त बहुत खतरनाक है। दरअसल यह वायरस भी नाक, कान व मुंह से सांस के जरिये मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। इस संक्रमण के होने पर नाक बहने, सांस लेने में दिक्कत होने, उल्टी होने का अहसास, कफ बने रहने और गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द तथा सिर व पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत रहती है। प्रशासनिक चौकसी से जुडे़ लोगों के साथ-साथ नागरिक समाज, खासकर पोल्ट्री उद्योग से जुडे़ लोगों की यह जिम्मेदारी है कि पक्षियों की असामान्य मौत की सूचना वे तुरंत अधिकृत विभाग को दें। देश को उनकी सतर्कता, तत्परता और कर्तव्यपरायणता की इस वक्त सबसे अधिक जरूरत है।