
भोपाल (महामीडिया) ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में बड़ी सफलता हासिल कर भाजपा ने दक्षिण भारत में अपने लिए एक और रास्ता खोला है। एआईएमआईएम और टीआरएस के गढ़ में भाजपा ने अपनी ताकत लगभग 12 गुना बढ़ाई और नगर निगम को त्रिशंकु स्थिति में ला खड़ा किया है। ये चुनाव भले ही नगर निगम के लिए था, लेकिन भाजपा ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी I गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावड़ेकर जैसे बड़े नेताओं ने यहां प्रचार किया था जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने तो यहां रोड शो तक किया। वहीं युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या भी यहां जमे हुए थे। इसका फायदा भाजपा को मिला।इस चुनाव में भाजपा ने पहली बार 48 सीटें जीती हैं। रूलिंग पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 55 और ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ने 44 सीटें जीती हैं।
कर्नाटक में कई बार सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा अभी तक दक्षिण के अन्य राज्यों में अपना मजबूत स्थान नहीं बना पाई थी, लेकिन अब हैदराबाद ने दूसरा रास्ता भी खोल लिया है। हैदराबाद से तेलंगाना की राजनीति तो पार्टी करेगी ही, वह यहां से आंध्र प्रदेश में भी आगे बढ़ने की कोशिश करेगी। ये दोनों राज्य उसकी भावी रणनीति में अहम होंगे। तमिलनाडु और केरल उसकी अभी भी कमजोर कड़ी है, लेकिन हैदराबाद का आक्रमक रणनीति से बना रास्ता उसे दक्षिण के अन्य राज्यों तक पहुंचा सकता है।
दरअसल भाजपा के लिए दक्षिण भारत में अपनी मजबूत पहचान और विश्वसनीयता को कायम करना है ताकि क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व वाले इन राज्यों में वह पैठ बना सके। नगर निगम के चुनाव अक्सर बिजली, पानी, सड़क, कूड़ा-करकट जैसे स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं, लेकिन ये पहली बार था जब चुनावों में सर्जिकल स्ट्राइक, 370, मुसलमान, रोहिंग्या, पाकिस्तान, बांग्लादेश का जिक्र हुआ। तेजस्वी सूर्या ने प्रचार के दौरान कहा, 'अकबरुद्दीन और असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में केवल रोहिंग्या मुसलमानों का विकास करने का काम किया है। हैदराबाद की 40% से ज्यादा की आबादी मुसलमान है। और यही भाजपा की कमजोरी भी थी, लेकिन यही ताकत भी बनी। भाजपा नेताओं ने गैर-मुस्लिम आबादी पर फोकस किया। तेजस्वी सूर्या ने इसके लिए बहुत काम किया। उन्होंने यहां 'चेंज हैदराबाद' कैंपेन शुरू किया।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम का सालाना बजट 6 हजार 150 करोड़ रुपए का है। इसकी आबादी तकरीबन 80 लाख है, जिसमें से 40% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। 2007 से इसे ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम कहा जाता है। ये नगर निगम 7 जोन में बंटा है। और यहां एक मेयर और एक डिप्टी मेयर होता है। इस नगर निगम में विधानसभा की 24 और लोकसभा की 5 सीट आती है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी यहीं से लोकसभा सांसद हैं। फिलहाल इस नगर निगम पर मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस का कब्जा है। 2016 में TRS ने यहां के 150 में से 99 वॉर्ड में जीत हासिल की थी।एआईएमआईएम को 44 सीटें मिली थीं। जबकि भाजपा को 4 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं।
मुस्लिम बहुल इलाके में इस तरह का भाजपा का प्रदर्शन बंगाल पर भी प्रभाव डालेगा। भाजपा ने जिस तरह की रणनीति यहां अपनाई, इसी तरह की रणनीति बंगाल में भी अपना सकती है। एक तरह से ये भी कह सकते हैं कि हैदराबाद नगर निगम चुनाव भाजपा के लिए टेस्टिंग लैब की तरह था।