
नीति आयोग ने चीनी कंपनियों को रियायत की सिफ़ारिश की
मुंबई [महामीडिया] शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग ने उन नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया है जिनके तहत चीनी कंपनियों को यहां निवेश के लिए अतिरिक्त जांच की आवश्यकता होती है। इन नियमों के कारण कुछ बड़े सौदों को अंजाम तक पहुंचाने में देर हुई है। वर्तमान में किसी भी निवेश के लिए चीनी कंपनियों को गृह और विदेश मंत्रालयों से सुरक्षा मंजूरी लेनी पड़ती है।अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि नीति आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि चीनी कंपनियां किसी भारतीय कंपनी में 24 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बिना अनुमोदन ले सकती हैं। आयोग का यह प्रस्ताव देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली योजना का हिस्सा है। व्यापार मंत्रालय का उद्योग विभाग, वित्त और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। नीति आयोग के सभी विचारों-प्रस्तावों को मानना सरकार के जरूरी नहीं है। लेकिन यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारत और चीन 2020 में सीमा पर हुई झड़पों के बाद से तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। निवेश नियमों में ढील देने में अभी महीनों का समय लग सकता है। इस पर राजनीतिक नेताओं को फैसला लेना है।