पृथ्‍वी की तरफ आ रहा है विशालकाय एस्‍टेरॉयड

पृथ्‍वी की तरफ आ रहा है विशालकाय एस्‍टेरॉयड

वाशिंगटन  [ महामीडिया ] इसी सप्‍ताह एक विशालकाय एस्‍टेरॉयड पृथ्‍वी की ओर तेज गति से आ रहा है। 24 जुलाई, शुक्रवार को यह धरती के निकट होगा। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा ने चेताया है कि यह एस्‍टेरॉयड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है। यह आकार में भी बड़ा है और गति में भी तेज। यह ब्रिटेन के प्रसिद्ध लैंडमार्क - लंदन आई के आकार का कम से कम डेढ़ गुना है। हो सकता है कि लंदन आई की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत बड़ा निकले। लंदन आई 443 मीटर ऊंचा एक व्‍हील है, यानी एस्‍टेरॉयड इससे भी बड़ा हो सकता है। नासा ने चेतावनी दी है कि जिस प्रकार से यह 'विशाल क्षुद्रग्रह' पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, उसे हल्‍के में नहीं लिया जा सकता। इसे "संभावित खतरनाक" के रूप में चिह्नित किया गया है, क्योंकि यह पृथ्वी के लिए एक खतरनाक प्रभाव पैदा कर सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा इसका नाम एस्‍टेरॉयडल 2020ND रखा गया है।पोटेंशियली हैजड्रस यानी संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह (PHAs) एक पैमाना है। इसमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक उन तत्‍वों में शामिल करते हैं जो पृथ्वी के निकट आने वाले खतरों के रूप में मापे जाते हैं। इसलिए 0.05 au या उससे कम की दूरी  वाले सभी क्षुद्रग्रहों को PHAs यानी संभावित रूप से खतरनाक माना जाता है।अक्‍सर लोग धूमकेतु और उल्‍का पिंड में अंतर नहीं कर पाते हैं। ये दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) धूमकेतु और क्षुद्र ग्रह हैं जो ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण आकर्षण द्वारा अपनी कक्षा से हटकर पृथ्‍वी की कक्षा में चले आते हैं। धूमकेतु और क्षुद्रग्रह काफी हद तक अरबों साल पुराने वे कण एवं अवशेष हैं, जो हमारे सौर मंडल के निर्माण के दौरान बने थे।क्षुद्रग्रह मूल रूप से ग्रहों के टुकड़े हैं। ये टुकड़े इन ग्रहों के जन्‍म के समय से बचे हुए हैं। इन चार ग्रहों में पृथ्‍वी, बुध, शुक्र और मंगल शामिल हैं। जब सौर मंडल में ये चारों ग्रह वजूद में आए थे, तब जो चट्टानी टुकड़े बच गए थे, वे आज भी ग्रेविटी के जबर्दस्‍त आकर्षण के चलते खिंचे चले आते हैं, वे ही एस्‍टेरॉयड हैं। क्षुद्रग्रह मामूली ग्रह हैं। बड़े क्षुद्रग्रहों को ग्रहदोष के रूप में भी जाना जाता है। क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से खनिज और चट्टान से बने होते हैं। क्षुद्रग्रहों में छोटी और अधिक गोलाकार कक्षाएँ होती हैं।धूमकेतु या कॉमेट एक छोटा तारा होता है। इनकी संरचना बर्फीली होती है। धूमकेतु मुख्य रूप से धूल और बर्फ से बने होते हैं। धूमकेतु छोटे, बर्फीले शरीर होते हैं। धूमकेतु सूर्य से दूर बने थे। धूमकेतु जब सूर्य के करीब से गुजरता है, तो गर्म हो जाता है। इसके चलते धूमकेतु की सतह पर बर्फ और अन्य चीजें भाप बनने लगती हैं। इस घटना के चलते धूमकेतु के पीछे एक लंबी चमकदार पूंछ जैसी बन जाती है। सामान्‍य बोलचाल की भाषा में इसे पुच्‍छल तारा भी कहा जाता है। ये धूमकेतु मुख्‍य रूप से उन चार ग्रहों के अवशेष हैं जो गैस का भंडार हैं। जैसे, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून। इन ग्रहों के गठन की घटना से बचे हुए टुकड़ों को आज धूमकेतु के रूप में जाना जाता है।

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