दुबई में रेतीली हवाओं से बनाया जाएगा पीने के लिए पानी

दुबई में रेतीली हवाओं से बनाया जाएगा पीने के लिए पानी

दुबई [ महामीडिया ]सऊदी अरब में सब कुछ आसानी से मिल जाता है, जो नहीं मिलता है वह है पीने के लिए शुद्ध पानी। मगर , अब एरिजोना की प्रौद्योगिकी फर्म ऐसा कुछ करने जा रही है, जो अपनी तरह का पहला ऑपरेशन हो सकता है। कुओं की खुदाई करके पानी निकालने या समुद्री जल को शुद्ध करने के बजाय, यह दुबई से 20 किलोमीटर की दूरी पर एक संयंत्र लगाने जा रही है, जो हवा से नमी को निकालकर बोतलबंद पानी बनाएगी।जीरो मास वॉटर कंपनी दुबई और संयुक्त अरब अमीरात के बाकी हिस्सों में कई डिसेलिनेशन फैसिलिटीज में बिजली देने वाले जीवाश्म ईंधन के बजाय अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी। यह परियोजना खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए अन्य शुष्क मरुस्थलीय देशों के लिए अधिक टिकाऊ तरीके से पेयजल उत्पादन और कृषि सफलताओं के लिए एक मॉडल पेश कर सकती है।पानी खरीदने वाली अमीराती फर्म आईबीवी  ने कहा- बॉटलिंग प्लांट को सोलर एनर्जी से चलाया जाता है। हमारे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बोतलें रिसाइकिल होती हैं और कैप टिकाऊ होती हैं, जिन्हें बांस से बनाया गया है।वैंकूवर की एक कंसल्टिंग फर्म एटमॉस वॉटर रिसर्च चलाने वाले रोलैंड वाह्लग्रेन ने बताया कि हवा से पानी बनाने की तकनीक का इस्तेमाल कहीं और जब तक नहीं किया जाता है, जीरो मास कंपनी का ऑपरेशन पानी के बोतल के आकार और उनके इरादे के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा कि यह कंपनी जल्द ही थोक पानी प्रोसेसर को टक्कर देने वाली नहीं है। यह शुरू में केवल 2.3 मिलियन लीटर (23 लाख लीटर) तक सालाना उत्पादन करने में सक्षम होंगे।यानी वे एक विशिष्ट ओलंपिक स्विमिंग पूल में भरे पानी के बराबर ही हवा से पानी को बना सकेंगे। समुद्र से अलवणीकरण किए गए इतने पानी के उत्पादन के लिए जीरो मास की टेक्नोलॉजी अभी भी बहुत महंगी है। लिहाजा, जीरो मास का पानी आयातित, हाई-एंड ब्रांड जैसे एवियन और फिजी के पानी की कीमत का होगा। उन्होंने कहा कि वे लगभग 2.72डॉलर में एक लीटर पानी स्थानीय स्तर पर बेचेंगे।
 

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