अक्षय तृतीया पर महासंयोग

अक्षय तृतीया पर महासंयोग

भोपाल [ महामीडिया] वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया 10 मई को शुक्र रोहिणी योग के महासंयोग में आ रही है। इस योग में किए गए धार्मिक कार्य प्रगति के साथ पदवृद्धि कराने वाले माने गए हैं। वैसे भी धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया पर दिए गए दान का पुण्य कभी क्षय नहीं होता है। ऐसे में इस योग की साक्षी में धर्म अनुष्ठान का विशेष फल प्राप्त होगा। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, लेकिन इस बार गुरु व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अक्षय तृतीया पर शुक्रवार का दिन व रोहिणी नक्षत्र होने से शुक्र रोहिणी योग बन रहा है। धर्मशास्त्र के अनुसार किसी बड़े पर्व पर इस प्रकार के योग बनते हैं, तो शुभता में वृद्धि होती है। इस प्रकार के योगों में स्नान, दान, धर्म करने का विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन जल से भरे हुए मटके का दान करने का विशेष महत्व है।

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