विश्वविद्यालय का प्रोफेसर बनना हुआ आसान
नई दिल्ली (महामीडिया) यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. इसके तहत यूनिवर्सिटी एंड हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन जल्द ही एक नई कैटेगरी के तहत फैकल्टी मेंबर्स को भर्ती कर सकेंगे. इस कैटेगरी के तहत भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को अकेडमिक क्वालिफिकेशन और पब्लिकेशन से जुड़ी आवश्यकताओं का पालन नहीं करना होगा. यूजीसी द्वारा पिछले हफ्ते हुई 560वीं बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया. माना जा रहा है कि ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ योजना को अगले महीने नोटिफाई कर दिया जाएगा.
अगर पूरे मामले को आसान भाषा में समझा जाए, तो अब उम्मीदवार बिना अकेडमिक डिग्री के भी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रोफेसर के पदों पर नियुक्त हो सकेंगे. उम्मीदवारों को बिना NET एग्जाम और पीएचडी के प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा. प्रोफेसर के पदों पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों के एक्सपर्ट होंगे. यूजीसी द्वारा मंजूर की गई योजना के मसौदे से पता चलता है कि इंजीनियरिंग, साइंस, मीडिया, साहित्य, आंत्रप्रेन्योर, सोशल साइंस, फाइन आर्ट्स, सिविल सर्विस और आर्म्ड फोर्सेज के एक्सपर्ट्स इस कैटेगरी के तहत प्रोफेसर बन सकेंगे.