नईदिल्ली [ महामीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अफसर जज नहीं बन सकते। वह तय न करें कि दोषी कौन है ? ताकत के गलत उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने 15 गाइडलाइंस भी दी हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले पर निर्णय सुनाया। सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था, जिसे आज सुनाया गया है।
जारी 15 गाइडलाइंस
1. अगर बुलडोजर एक्शन का ऑर्डर दिया जाता है तो इसके विरुद्ध अपील करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए।
2. रातों रात घर गिरा दिए जाने पर महिलाएं-बच्चे सड़कों पर आ जाते हैं यह अच्छा दृश्य नहीं होता।
3. हमारी गाइडलाइन अवैध अतिक्रमण जैसे सड़कों या नदी के किनारे पर किए गए अवैध निर्माण के लिए नहीं है।
4. शो कॉज नोटिस के बिना कोई निर्माण नहीं गिराया जाएगा।
5. रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए कंस्ट्रक्शन के मालिक को नोटिस भेजा जाएगा और इसे दीवार पर भी चिपकाया जाए।
6. नोटिस भेजे जाने के बाद 15 दिन का समय दिया जाए।
7. कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को भी जानकारी दी जाए।
8. कलेक्टर ऐसी कार्रवाई पर नजर रखने के लिए नोडल अफसर की नियुक्ति करें।
9. नोटिस में बताया जाए कि निर्माण क्यों गिराया जा रहा है, इसकी सुनवाई कब होगी, किसके सामने होगी। एक डिजिटल पोर्टल हो, जहां नोटिस और ऑर्डर की पूरी जानकारी हो।
10. अधिकारी पर्सनल हियरिंग करें और इसकी रिकॉर्डिंग की जाए। फाइनल ऑर्डर पास किए जाएं और इसमें बताया जाए कि निर्माण गिराने की कार्रवाई जरूरी है या नहीं।
11. ऑर्डर को डिजिटल पोर्टल पर दिखाया जाए।
12. अवैध निर्माण गिराने का ऑर्डर दिए जाने के बाद व्यक्ति को 15 दिन का मौका दिया जाए, ताकि वह खुद अवैध निर्माण गिरा सके या हटा सके।
13. निर्माण गिराए जाने की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाए। इसे सुरक्षित रखा जाए और कार्रवाई की रिपोर्ट म्युनिसिपल कमिश्नर को भेजी जाए।
14. गाइडलाइन का पालन न करना कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। इसका जिम्मेदार अधिकारी को माना जाएगा ।
15. हमारे निर्देश सभी मुख्य सचिवों को भेज दिए जाएं।