
अगस्त माह के तीज-त्योहार
- 2025-08-01
भोपाल (महामीडिया): आज अगस्त का पहला दिन है। इस महीने कई व्रत, त्योहार और विशेष तिथियां पड़ रही हैं। शुभ तिथियों पर व्रत-उपवास, पूजा और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसी मान्यता है। जानिए अगस्त 2025 के प्रमुख तीज-त्योहार और उनसे जुड़े शुभ कर्म... 5 अगस्त, मंगलवार : पुत्रदा एकादशी, मंगला गौरी व्रत 6 अगस्त, बुधवार : प्रदोष व्रत 8 अगस्त, शुक्रवार : व्रत की पूर्णिमा 9 अगस्त, शनिवार : रक्षाबंधन, सावन पूर्णिमा 12 अगस्त, मंगलवार : कजरी तीज, संकष्टी चतुर्थी 14 अगस्त, गुरुवार : बलराम जयंती 16 अगस्त, शनिवार : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दही हांडी 17 अगस्त, रविवार : सिंह संक्रांति 19 अगस्त, मंगलवार : अजा एकादशी 22-23 अगस्त, शुक्रवार : भाद्रपद अमावस्या 26 अगस्त, मंगलवार : हरतालिका तीज 27 अगस्त, बुधवार : गणेश उत्सव शुरू 28 अगस्त, गुरुवार : ऋषि पंचमी
पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, सुख की प्राप्ति होती है। मंगला गौरी व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली और सौभाग्य के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
शाम को सूर्योस्त के समय यानी प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्व पत्र अर्पित करें। किसी नए काम की शुरुआत के लिए ये दिन बहुत शुभ है।
इस बार सावन पूर्णिमा 2 दिन रहेगी। 8 अगस्त को व्रत पूर्णिमा रहेगी। इस दिन परिवार के सभी सदस्य मिलकर दान-पुण्य करते हैं। नदी या जलाशय में स्नान करना अत्यंत शुभ होता है।
सावन पूर्णिमा का दूसरा दिन 9 अगस्त को रहेगा, इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, इसके साथ ही इस दिन अपने इष्टदेव को भी रक्षा सूत्र बांधना चाहिए। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं रहेगी, इस कारण पूरे दिन इस पर्व से जुड़े शुभ कर्म किए जा सकेंगे।
कजरी तीज के दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा करती हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने की कामना से करते हैं।
श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म भाद्रपद षष्ठमी पर हुआ था, इस पर्व को हलछठ भी कहते हैं। इस दिन किसान अपने हल की पूजा करते हैं। भगवान बलराम की जयंती पर उनकी पूजा की जाती है। दान और सेवा कार्य किए जाते हैं।
इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को 16 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की भव्य पूजा-आराधना करें, उपवास रखें और कृष्ण लीला का आयोजन करें। इस दिन मध्यरात्रि में भी विशेष पूजा करें। घर में दीपक जलाएं।
सिंह संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करें और नई शुरुआत के लिए योजना बनाएं। इस दिन व्रत-उपवास भी कर सकते हैं।
अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने की कामना से किया जाता है। इससे जीवन में शांति आती है और आर्थिक स्थिरता मिलती है।
इस तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है और पिंडदान किया जाता है। इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत करती हैं। हरतालिका तीज पर शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
घर में गणपति बप्पा की स्थापना करें, विधिवत पूजा-अर्चना करें और घर-परिवार में सुख-शांति की कामना करें। नया काम शुरू करने के लिए ये दिन अत्यंत शुभ है।
ऋषि पंचमी पर सप्त ऋषि और अपने पूर्वजों की कृपा पाने की कामना से व्रत-उपवास किया जाता है। सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है।