मई महीने के मुख्य व्रत और त्योहार 

मई महीने के मुख्य व्रत और त्योहार 

भोपाल [महामीडिया] मई 2021 का माह आज से शुरू हो गया है। वैशाख मास में कई बड़े व्रत-त्योहार पड़ने वाले है। इस माह वरूथिनी एकादशी, शनि त्रयोदशी, मोहिनी एकादशी, वैशाख पूर्णिमा का त्योहार पड़ने वाले है। 
07 मई: वरूथिनी एकादशी
मई के महीने में सबसे पहले 7 मई के दिन वरुथिनी एकादशी मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं।
8 मई: शनि प्रदोष
हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। मई के महीने में प्रदोष व्रत 8 मई को पड़ रहा है। इसदिन शनिवार होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। 
9 मई: मासिक शिवरात्रि
हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि पड़ने के कारण इसे मासिक शिवरात्रि के जान से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। 
11 मई-  वैशाख अमावस्या
वैसाख महीने में कृष्ण पक्ष की अमावस को वैशाख अमावस्या कहते हैं। इस दिन स्नान-दान के सात भगवान की पूजा अर्चना करना शुभ मना जाता है। 
14 मई-  परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया
14 मई को परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया दोनों महत्वपूर्ण पर् पड़ रहे हैं।  माना जाता है कि- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।  
15 मई- विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी 15 मई को है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर मास की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी या संकष्टी चतुर्थी होती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। 
21 मई- सीता नवमी
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मां सीता प्रकट हुई थीं। जिसके कारण इस तिथि को जानकी नवमी या सीता नवमी के नाम से जाना जाता है।
22 मई- मोहिनी एकादशी
वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के मोह बंधन से मुक्ति मिलती है और जीवन में तरक्की मिलती है। 
24 मई- सोम प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में दो पक्ष होते हैं- एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। इन दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर प्रदोष व्रत का नामकरण किया जाता है। 24 मई को सोमवार का दिन है। लिहाजा  इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। 
25 मई- नरसिंह जयंती
नरसिंह पुराण के अनुसार हेमाद्रि व्रतखण्ड के भाग- 2 के पृष्ठ 41 से 49 तक, पुरुषार्थचिन्तामणि के पृष्ठ 237 से 238 में इसे नृसिंह जयंती के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यपु का वध किया था। अतः आज के दिन भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की पूजा की जाती है।
26 मई: बुद्ध पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण
बुद्ध पूर्णिमा 26 मई को है। वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस वजह से इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।   इसके साथ ही साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने वाला है। 26 मई को वैशाख पूर्णिमा भी है। भारत में यह चंद्र ग्रहण दिन के समय लगेगा, इसलिए दिखाई नहीं देगा।
 

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