जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को लगाया जाता है छप्पन भोग

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को लगाया जाता है छप्पन भोग

भोपाल (महामीडिया) देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है।  इस बार 30 अगस्त 2021 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। ये त्योहार हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया था। कई लोग इस दिन उपवास रखते हैं और उनके जन्म के बाद 56 भोग का प्रसाद लगाते हैं। जानते हैं कैसे हुई इस 56 भोग लगाने की शुरुआत।  
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण दिन में 8 प्रहर खाना खाते थे। एक दिन कृष्ण ने नंदलाल से पूछा कि आखिर ये योजना किस चीज के लिए चल रही है। तब उन्होंने बताया कि देवराज इंद्र की पूजा के लिए आयोजन हो रहा है। इससे देवराज प्रसन्न होंगे और अच्छी बारिश देंगे जिससे फसल अच्छी होगी। तब कृष्ण ने कहा कि इंद्र का काम बारिश करना है उनकी पूजा क्यों हो रही हैं।
इंद्रदेव को ब्रजवासियों पर आया क्रोध
अगर पूजा करनी है तो गोवर्धन पर्वत की करें क्योंकि इससे हमें फल, सब्जियां मिलती हैं और पशुओं को चारा मिलता है। सभी को कृष्ण की बात सही लगी और इंद्र की पूजा न करके गोवर्धन की पूजा करने का निर्णय लिया गया। इंद्रदेव को ये बात अच्छी नहीं लगी और उनको ब्रजवासियों पर क्रोध आ गया।
उन्होंने ब्रज में भंयकर बारिश कर दी। बारिश की वजह से ब्नजवासी परेशान होने लगें तब कृष्ण ने कहा कि इस बारिश से बचने के लिए हमें गोवर्धन पर्वत की शरण में जाना चाहिए। श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठ उंगली से गोवर्धन पर्वत उठा लिया और ब्रजवासियों की रक्षा की। उन्होंने 7 दिन तक बिना कुछ खाएं-पिएं गोवर्धन पर्वत को उठाएं रखा था।
आठवें दिन जब बारिश बंद हुई तो सभी ब्रजवासी पर्वत के बाहर निकले। सभी ब्रजवासियों ने सोचा कि 7 दिन तक कृष्ण ने बिना कुछ खाएं हमारी रक्षा की। तब माता यशोदा समेत सभी ब्रजवासियों ने हर दिन के आठ प्रहर के हिसाब से सात दिनों को मिलाकर 56 प्रकार के व्यजंन बनाएं। इन 56 व्यजंनों में भगवान कृष्ण की मनपंसद चीजें शामिल होती है।
 

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