तीज-त्यौहारः आज गंगा दशहरा है
भोपाल (महामीडिया) गंगा नदी में स्नान और दान-पुण्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाने वाला पर्व गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आज गंगा दशहरा है। मान्यता है कि इस दिन भागीरथ ऋषि अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे। इसलिए ही मां गंगा को मोक्षदायिनी, पतित पावनी गंगा के रूप में माना गया हे। कहते हैं गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने मोक्ष की प्राप्ति होती है और समस्त पाप धुल जाते हैं। गंगा दशहरे के अवसर पर देश के उन प्रमुख शहरों में, जहां मां गंगा बह रही हैं, मेले का आयोजन होता है। इस अवसर पर विशेष पूजा का आयोजन होता है और दान-पुण्य किया जाता है।
गंगा दशहरे को मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सौ महायज्ञों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन जो व्यक्ति गंगा में खड़े होकर गंगा स्त्रोत का पाठ करता है उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है और इस जन्म के सभी पापों का असर समाप्त हो जाता है।
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि का आरंभ 9 जून, बृहस्पतिवार को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो चुका है। गंगा दशहरे का समापन 10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर होगा। उसके बाद से एकादशी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
गंगा दशहरे पर दान
गंगा दशहरा ऐसे समय में मनाया जाता है कि जब कि गर्मी अपने चरम पर होती है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को ठंडी चीजों का दान आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति करवाता है। इस अवसर पर सुराही, पंखा, वस्त्र, चप्पल, छाता, खरबूजा, कच्चे आम और पके आम आदि चीजों का दान करना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा इस दिन आप आटा, चावल, घी, सब्जियां और नमक का भी दान कर सकते हैं।
बन रहा है यह विशेष संयोग
इस बार गंगा दशहरे पर हस्त नक्षत्र योग बन रहा है। बताया जाता है कि गंगा मां जब धरती पर अवतरित हुई थीं, तब भी यह विशेष योग बना था।