तीज-त्यौहारः दो दिन मनाई जाएगी मौनी अमावस्या 

तीज-त्यौहारः दो दिन मनाई जाएगी मौनी अमावस्या 

भोपाल (महामीडिया) माघ मास की मौनी अमावस्या आज और मंगलवार को दो दिन रहेगी। इस अवसर पर पहले दिन पितरों का तर्पण और दूसरे दिन तीर्थ स्थलों के जल से स्नान पूजन का विशेष महत्व होगा। वर्ष में आने वाली 12 अमावस्या से यह एकमात्र अमावस्या है जिसमें मौन का विशेष महत्व है। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस अवसर मौन से शरीर में सकारात्मक उर्जा का विकास होने के साथ वाणी के दोष दूर होकर अवगुणों का नाश होता है।
अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 जनवरी को दोपहर 2.18 बजे से होगी जो अगले दिन मंगलवार को दोपहर 11.15 बजे तक 20 घंटे 57 मिनट रहेगी। इस तिथि पर सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में आते है इसलिए यह दिन उर्जा से भरा होता है। मनु ऋषि का जन्म भी इसी तिथि पर हुआ था इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। उन्हें ब्राह्मा के मानस पुत्र माना जाता है। विभिन्न प्रकार की साधना में मौन का भी विशेष महत्व है। इसके लिए मौनी अमावस्या श्रेष्ठ समय है। बोलकर जाप करने के बजाए मौन रहकर जाप करना कई गुणा पुण्यादायक होता है।
बनेगा पुण्यदायक महोदया योग
ज्योतिर्विदों के अनुसार दूसरे दिन एक फरवरी को सुबह 7.11 से 11.15 बजे तक अमावस्या तिथि, श्रवण नक्षत्र और व्यतिपात योग का संयोग बनेगा। इनके साथ आने से पुण्यदायक महोदय नाम का योग बन रहा है। यह योग चार घंटे चार मिनट रहेगा। इसमें स्नान, दान और पूजन का विशेष महत्व है। इससे पहले 31 जनवरी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग में पितरों की पूजा लाभदायक होगी।
इस तिथि के स्वामी पितृदेव को माना गया है। अमावस्या सोमवार को आती है तो उसे सोमवती और शनिवार को आने पर शनि अमावस्या कहते है। सोमवती और शनि अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। सोमवती पर शिव और शनि अमावस्या पर शनिदेव की आराधना विशेष फलदायी मानी गई है। इस वर्ष सोमवती अमावस्या का संयोग तीन बार बन रहा है। इसमें 31 जनवरी, 30 मई और 26 सितंबर शामिल है।
 

सम्बंधित ख़बरें