तीज-त्यौहारः संकष्टी चतुर्थी है आज 

तीज-त्यौहारः संकष्टी चतुर्थी है आज 

भोपाल (महामीडिया) सभी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित हैं. हर महीने 2 चतुर्थी पड़ती हैं. इनमें से एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती है. इसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के तौर पर मनाते हैं. आज वैशाख महीने की चतुर्थी तिथि है. इस दिन संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी की पूजा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए और चंद्र को अर्ध्य जरूर देना चाहिए. बिना इसके पूजा अधूरी मानी जाती है.
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
मंगलवार की शाम 04:38 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी जो 20 अप्रैल की दोपहर 01:52 बजे तक चलेगी. चूंकि चतुर्थी के व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देना जरूरी होता है इसलिए उसी दिन चतुर्थी मानी जाती है जिसमें रात का समय आ रहा हो. इस बार संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय रात 09:50 मिनट है.
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत की पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें।
उसके बाद गणपति का ध्यान करें। 
अब एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
फिर गंगा जल छिड़कर पूरे स्थान को पवित्र कर लें। 
इसके बाद गणेश जी को फूल की मदद से जल अर्पित करें। 
इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं।
लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर चढ़ाएं। 
इसके बाद नारियल और भोग में मोदक चढ़ाएं। 
गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।  
सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान  गणेश की आरती करें। 
इस मंत्र का जाप करें - 
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

या फिर
ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
अंत में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त में अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें।
 

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