तीज-त्यौहारः शनैश्चरी अमावस्या है आज
भोपाल (महामीडिया) आज शनैश्चरी अमावस्या है। अमावस्या के साथ-साथ सूर्य ग्रहण लगना अपने आप में संयोगकारी है। शनि अमावस्या के दिन ही मेष राशि में सूर्य, चंद्रमा और राहु की युति से त्रिग्रही योग नामक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है।
शनि अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त
वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 30 अप्रैल को शाम को शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाएगी।
शनि अमावस्या का महत्व
शास्त्रों में अमावस्या तिथि को पितरों को समर्पित माना गया है। अमावस्या तिथि को पितरों से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ, स्नान, दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है।
शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न
- शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की बजरंगबली की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव व बजरंगबली की भक्तों पर कृपा बनी रहती है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
- शनि अमावस्या के दिन हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- शनि अमावस्या के दिन सातमुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से धोकर धारण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- शनि अमावस्या के दिन दान करने से उन्नति मिलने की मान्यता है।
- शनि अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन-संपदा की प्राप्ति होती है।