गोवत्स द्वादशी आज

गोवत्स द्वादशी आज

भोपाल [महामीडिया] आज बछबारस या गोवत्स द्वादशी (भाद्रपद कृष्ण द्वादशी) व्रत है। यह व्रत जन्माष्टमी के चार दिनों बाद संतान के सौभाग्य और अच्छी सेहत की कामना से किया जाता है। इस दिन गाय और बछड़े की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। मान्यता है कि गाय में सभी देवी-देवता वास करते हैं, गाय को कामधेनु कहते हैं, भगवान श्रीकृष्ण को गायों से विशेष स्नेह है। इसीलिए गौ माता की पूजा करने से भगवान की भी कृपा मिलती है।इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं गौ माता और उसके बछड़े को थोड़ा-थोड़ा जल-दूध चढ़ाकर वस्त्र और फूलमाला अर्पित करते हैं। हल्दी‑चंदन से तिलक लगाया जाता है। चावल, इत्र, जल और पुष्प मिलाकर गाय-बछड़े के पैरों पर चढ़ाते हैं। भक्त गायों के पैरों से स्पर्श हुई मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाते हैं। अगर पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो गाय-बछड़े को हरा चारा और रोटी सहित अन्य चीजें खिलाकर तृप्त किया जा सकता है। कई जगहों पर गाय और बछड़े को सजाया जाता है।

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