तीज-त्यौहारः कल 'कामदा एकादशी' है

तीज-त्यौहारः कल 'कामदा एकादशी' है

भोपाल (महामीडिया) मंगलवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे कामदा एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत-पूजा की जाए तो सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन आनंद और सर्वार्थसिद्धि नाम के 2 शुभ योग भी बन रहे हैं। इन शुभ योगों में एकादशी का व्रत और भी शुभ फल देने वाला रहेगा।
कामदा एकादशी तिथि और पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरूआत 12 अप्रैल, मंगलवार की सुबह 04:30 से होगी, जो 13 अप्रैल, बुध‌वार की सुबह 05:02 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 12 अप्रैल को कामदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।
इस विधि से करें कामदा एकादशी का व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एकादशी व्रत के एक दिन पहले से ही नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। इसी के अनुसार, एकादशी के एक दिन पहले यानी 11 अप्रैल, सोमवार को पूरे दिन और रात्रि में संयम पूर्वक व्यवहार करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
12 अप्रैल की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें (जैसा व्रत आप करना चाहें- निर्जला या एक समय भोजन वाला)। इसके बाद किसी साफ स्थान पर भगवान श्रीविष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। भगवान विष्णु को फूल, फल, तिल, दूध, पंचामृत आदि चीजें चढ़ाएं। अंत में कपूर आरती करें और प्रसाद बांट दें।
पूरे दिन किसी से ज्यादा बात न करें। मन ही मन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। संभव हो तो विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। संभव हो तो रात्रि में जागरण करें। अगले दिन  द्वादशी तिथि (13 अप्रैल, बुध‌वार) को ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करने के बाद ही भोजन करें। इस प्रकार कामदा एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामना पूरी हो सकती है।

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