तीज-त्यौहारः रेवती नक्षत्र और इंद्र योग में शक्ति का आगमन होगा
भोपाल (महामीडिया) शक्ति की उपासना का नौ दिनी पर्व चैत्र नवरात्र 2 से 11 अप्रैल तक मनेगा। रेवती नक्षत्र और इंद्र योग में शक्ति का आगमन होगा। इस अवसर पर घट स्थापना होगी और साधक शक्ति की उपासना में जुटेंगे। इस अवसर पर माता के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाएगा। माता मंदिरों में विभिन्न हवन-अनुष्ठान होंगे। वर्ष में आने वाली चार नवरात्र में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है।
चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल को सुबह 11.53 बजे होगी जो 2 अप्रैल को सुबह 11.48 बजे तक रहेगी। उदयकाल में प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को होने से इस दिन से नवरात्र की शुरुआत मानना शास्त्र सम्मत होगा। इस दिन रेवती नक्षत्र सुबह 11.21 बजे तक और इंद्र योग सुबह 8.31 बजे तक रहेगा। घट स्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 6.24 बजे से 8.33 बजे तक है। इसके अतिरिक्त दोपहर 12.08 से दोपहर 12.57 बजे तक अभिजित मुहूर्त में घट स्थापना करना भी श्रेष्ठ फल प्रदान करेगा।
ऐसे करें कलश स्थापना
नवरात्र में कलश की स्थापना की जाती है। कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। देवी दुर्गा से पहले कलश की पूजा की जाती है। कलश की स्थापना से पूर्व उस स्थान को नदियों के पवित्र जल से शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश सहित सभी देवी-देवताओं का आव्हान करना चाहिए। कलश स्थापना के बाद भगवान गणेश और मां दुर्गा की आरती कर नौ दिनी व्रत का संकल्प लेना चाहिए।