
विश्व शांति की स्थापना वैदिक ज्ञान के माध्यम से पूरे विश्व में करेंगे : ब्रह्मचारी गिरीश जी
भोपाल [महामीडिया] आज महर्षि वेद विज्ञान विश्व विद्यापीठम के वैदिक पंडितों को "विश्व शांति की स्थापना हेतु प्रयास" विषय पर संबोधित करते हुए महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि "आप सभी लोग प्रत्येक देश की कुंडली बना ले कुंडली के अनुसार कौन सा यज्ञ करना है इसका निर्धारण करके यज्ञ प्रारंभ करें। इसमें अद्भुत शांति यज्ञ को भी शामिल किया जा सकता है। हम सभी ने महर्षि आध्यात्मिक जन जागरण अभियान (माजा) का कार्यक्रम प्रारंभ किया है। हमारा मानना है कि संपूर्ण समाज में शांति के बिना पूरे विश्व में वैश्विक शांति स्थापित नहीं हो सकती । इसके लिए हमने प्रत्येक महर्षि संस्थान को एक इकाई बना दिया है। प्रत्येक इकाई के सदस्य इसमें कार्य करेंगे। इस कार्यक्रम में प्राणायाम से लेकर, भावातीत ध्यान, सिद्धि, यौगिक फ्लाईंग,स्रोत पाठ को नियमित रूप से करने का प्रावधान रखा गया है। 20 मिनट के नियमित भावातीत ध्यान एवं सिद्धि को बढ़ाकर 50 मिनट तक लेकर जाना है। एक इकाई में 10 लोगों से प्रारंभ करके इसे करोड़ों लोगों तक पहुंचाना है।"
ब्रह्मचारी गिरीश जी का कहना था कि अभी हमारे पास 271 ध्यान शिक्षक हैं लेकिन हमारे देश में जिलों की संख्या मोटे तौर पर 600 के आसपास है । इसलिए हम सभी को इस कार्यक्रम को 600 जिलों तक पहुंचाने की व्यवस्था को पूर्ण करना है। प्रत्येक जिले में एक ध्यान शिक्षक की नियुक्ति से लेकर ध्यान शिक्षकों को अच्छा वेतन एवं सुविधाएं देकर प्रत्येक जिले तक इन्हें सशक्त बनाना है। अभी हमारे पास महर्षि जी की कृपा से 121 से अधिक शहरों में महर्षि विद्या मंदिर अथवा महर्षि संस्थान के स्वयं के भवन उपलब्ध हैं बाकी जगह जहां आवश्यकता होगी वहां पर किराए के भवन लिए जाएंगे। महर्षि वेद विज्ञान विश्व विद्यापीठम से वर्ष 1982 से लेकर अभी तक एक लाख से अधिक वैदिक पंडित प्रशिक्षण लेकर निकल चुके हैं जो कि विश्व के विभिन्न देशों में पदस्थ हैं। पूरे विश्व में महर्षि जी के पंडित अपने कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए इस कार्यक्रम को देश में लागू करते हुए इसे विदेश में लेकर जाएंगे। विद्यापीठ में पाठ्यक्रम बना हुआ है लेकिन कुछ पंडितों के पास प्रमाण पत्र नहीं है । इसलिए इन सभी से आवेदन पत्र बुलवा लिए जाएं और इन सभी का परीक्षण करके एक जगह पर परीक्षा आयोजित करके प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था की जाए। यदि आवश्यकता होगी तो इन सभी पंडितों को 15 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठम का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी करके सभी को मान्यता दे देंगे।
इस अवसर पर ब्रह्मचारी गिरीश जी ने महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठम में नए सत्र से प्रवेश लेने वाले सभी पंडितों का पूरा डेटाबेस संग्रहित रखने का निर्देश दिया है साथ ही कहा है कि विद्यापीठ में भावातीत ध्यान का नियमित अभ्यास को 20 मिनट से बढ़कर 1 घंटे 25 मिनट तक का कार्यक्रम निर्धारित किया जाए जिसमें योगासन से लेकर सूर्य नमस्कार एवं सूर्य को अर्ध्य देने की प्रक्रिया को भी शामिल किया जाए।
इस दौरान यह भी तय किया गया है कि प्रतिदिन रात्रि 8:00 बजे से लेकर 9:30 बजे तक प्रतिदिन जूम मीटिंग का आयोजन किया जाएगा।