तीज-त्यौहारः आज मां कालरात्रि की आराधना
भोपाल (महामीडिया) आज चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और शुक्रवार का दिन है। सप्तमी तिथि आज रात 11 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। उसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी। आज नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के दौरान पड़ने वाली सप्तमी को महासप्तमी के नाम से जाना जाता है । आज मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जायेगी । जब माता पार्वती ने शुंभ-निशुंभ का वध करने के लिए अपने स्वर्णिम वर्ण को त्याग दिया था, तब उन्हें कालरात्रि के नाम से जाना गया। मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से ऊपर का दाहिना हाथ वरद मुद्रा में और नीचे का हाथ अभयमुद्रा में रहता है। जबकि बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और निचले हाथ में खड़ग है।
मां का ये स्वरूप देखने में भले ही भयानक लगता है, किन्तु ये बड़ा ही शुभ फलदायक है । इसलिए देवी मां का एक नाम शुंभकारी भी है । ग्रहों में शनि ग्रह पर देवी मां का आधिपत्य बताया जाता है । इनके स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच, भय और अन्य किसी भी तरह की परेशानी तुरंत दूर भाग जाती है ।
मां कालरात्रि पूजा विधि
मां कालरात्रि की पूजा सुबह के समय करना शुभ माना जाता है। मां की पूजा के लिए लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मकर और कुंभ राशि के जातको को कालरात्रि की पूजा जरूर करनी चाहिए। परेशानी में हो तो सात या नौ नींबू की माला देवी को चढ़ाएं। सप्तमी की रात्रि तिल या सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाएं। सिद्धकुंजिका स्तोत्र, अर्गला स्तोत्रम, काली चालीसा, काली पुराण का पाठ करना चाहिए। यथासंभव इस रात्रि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मां कालरात्रि को भोग
सप्तमी नवरात्रि पर मां को खुश करने के लिए गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं।
मां कालरात्रि दूर करेंगी सारी परेशानियां
अगर आपको भी किसी चीज़ का भय बना रहता है तो मां कालरात्रि का ध्यान करके उनके इस मंत्र का जप अवश्य ही करना चाहिए । मंत्र है-
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि।
जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥