कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत बुधवार को

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत बुधवार को

नई दिल्ली (महामीडिया): हिन्दू धर्म में चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी व्रत और शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास का पहला चतुर्थी व्रत अर्थात कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत 07 जून 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा एवं उनका दर्शन करते हैं.   चंद्रदर्शन के बिना संकष्टी चतुर्थी का व्रत अधूरा माना जाता है. 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर कार्य में सिद्धि प्राप्ति के लिए अचूक माना गया है. मान्यता यह है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसकी संतान संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं. अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं. हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती है. धन तथा कर्ज संबंधी समस्याओं का समाधान होता है. इस दिन श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करने से घर खरीदन की इच्छाएं जल्द पूरी होती हैं.
 

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