तीज-त्यौहारः शुक्र प्रदोष व्रत है आज 

तीज-त्यौहारः शुक्र प्रदोष व्रत है आज 

भोपाल (महामीडिया) वैशाख माह का शुक्र प्रदोष व्रत आज है. यह मई माह का पहला प्रदोष व्रत है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा की जाती है. भगवान शिव के आशीर्वाद से सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है. शुक्र प्रदोष व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, समस्याओं का समाधान होता है. प्रदोष व्रत करने से धन, धान्य, पुत्र, आरोग्य आदि की भी प्राप्ति होती है. शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय व्रत कथा का पाठ करना चाहिए. 
शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि आरंभ- 13 मई को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर शुरू
त्रयोदसी तिथि का समापन- 14 मई शनिवार को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 7 बजकर 04 मिनट से रात 9 बजकर 09 मिनट तक
सिद्धि योग- दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से शुरू
प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। इसलिए प्रदोष व्रत 13 मई को ही रखा जाएगा।
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों को निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे और सूखे वस्त्र धारण कर लें। अब भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रारंभ करें। सबसे पहले गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें। इसके बाद आसन बिछाकर भगवान शिव को पुष्प के माध्यम से जल चढ़ाएं। इसके बाद सफेद पुष्प, माला, शमी, धतूरा, बेलपत्र, भांग, चीनी, शहद आदि चढ़ाएं। इसके बाद सफेद चंदन लगाकर अक्षत चढ़ाएं। फिर भोग लगाएं। भोग में आप पुआ, हलवा या फिर चने के अलावा मिठाई चढ़ा सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर शिव जी के मंत्र, शिव चालीसा के साथ-साथ प्रदोष व्रत कथा का पाठ कर लें। अंत में आरती करके भगवान शिव के सामने भूल चूक के लिए माफी मांग लें। इसके बाद प्रसाद सभी को बांट दें और आप दिनभर फलाहारी व्रत रखें और दूसरे दिन सूर्योदय के साथ व्रत का पारण करें।
 

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