तीज-त्यौहारः अपरा एकादशी है आज
भोपाल (महामीडिया) हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत विशेष महत्व होता है. हर माह में 2 बार एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. इस तरह एक साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है और इन सभी 24 एकादशी को अलग-अलग विशेष नाम से जाना जाता है. सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन व्रत उपवास रख कर भक्त श्री विष्णु की विशेष पूजा अर्चना पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं.
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस व्रत को रखने वाले भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अपरा एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - मई 25, 2022 को 10:32 ए एम बजे से शुरू हो चुकी है
एकादशी तिथि समाप्त - मई 26, 2022 को 10:54 ए एम बजे
व्रत पारणा टाइम- 27 मई को, पारण समय - 05:25 सुबह से 08:10 सुबह तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:47 सुबह
अपरा एकादशी पूजा सामग्री
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, फल, लौंग, नारियल, सुपारी, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिठाई.
अपरा एकादशी पूजा विधि
नियमित रूप से सुबह जल्दी उठें और स्नान-ध्यान के बाद घर को और पूजा घर को शुद्ध करें.
साफ कपड़े पहनें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं.
इसके बाद चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें और उन्हें पीले रंग का तिलक लगाएं.
भगवान को पीले वस्त्र अर्पित करें और धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें.
माता लक्ष्मी की भी पूजा करें.
शाम के समय आरती करें द्वादशी तिथि के दिन व्रत का पारण करें.
अपरा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत रखने से आर्थिक परेशानी दूर होती है. इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने भी अपरा एकादशी का व्रत किया था. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.