इस बार चतुर्मास 4 की जगह 5 महीने का होगा।
नई दिल्ली (महामीडिया): हिंदू धर्म में चातुर्मास का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। चातुर्मास के प्रारंभ होते हैं सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, क्योंकि भगवान विष्णु चातुर्मास के दौरान योग निद्रा में चले जाते हैं। चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह से शुरू होती है और कार्तिक की एकादशी के दिन खत्म होते हैं। आपको बता दें कि चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्य नहीं होते लेकिन इसमें कई प्रमुख व्रत त्योहार पड़ते हैं, जिनका सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है।
चातुर्मास देवशयनी एकादशी के दिन से शुरू होते हैं और इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को पड़ रही है। इसके बाद से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे और हर साल चातुर्मास सामान्य रूप से 4 महीने का होता है, लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण चातुर्मास 5 महीने का होगा। यानी कि इस दिन भगवान विष्णु पूरे 5 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगा और फिर इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी कि देवउठनी एकादशी के दिन योग निद्रा से जागेंगे।
हिंदू पंचांग के हिसाब से इस साल सावन के महीने में अधिक मास लग रहा है, इसलिए सावन का महीना भी 2 नहीं बल्कि 3 महीने का होगा। इस प्रकार चातुर्मास का भी एक महीना बढ़कर 5 महीने का हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बताया गया है कि जब चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु निद्रा में होते हैं तो सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथ में आ जाता है। इसी कारण सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
चातुर्मास को सनातन धर्म के लोग बहुत अधिक मानते हैं। जैन धर्म के लिए भी यह 4 महीने बहुत बहुत अधिक महत्व रखता है। वहीं चातुर्मास के दौरान कई प्रमुख व्रत त्योहार पड़ते हैं, जिसमें सावन सोमवार, रक्षाबंधन, नागपंचमी, गणेशोत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, अनंत चतुर्दशी, कजरी तीज, हरतालिका तीज, ऋषि पंचमी, परिवर्तिनी एकादशी, अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन आदि कई मासिक त्योहार भी शामिल हैं।