तीज-त्यौहारः शिव योग और पद्म योग में मनाई जाएगी शनिश्चरी अमावस्या 

तीज-त्यौहारः शिव योग और पद्म योग में मनाई जाएगी शनिश्चरी अमावस्या 

भोपाल (महामीडिया) भाद्रपद महीने में पड़ने वाली शनि अमावस्या कल है। यह इस साल की अंतिम शनि अमावस्या होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस शनिश्चरी अमावस्या के दिन दो बहुत ही दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर शिव योग और पद्म योग का निर्माण हो रहा है।
भाद्रपद अमावस्या तिथि की शुरुआत आज दोपहर 12:23 बजे से होगी और इसका समापन शनिवार, 27 अगस्त 2022 को दोपहर 01:46 बजे होगा। अमावस्या तिथि के दिन शनिदेव की उपासना के साथ-साथ पितृ तर्पण, पिंड दान आदि करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि यह दिन पितृ दोष, काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए भी खास होता है। शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना गया है। ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनि की महादशा से पीड़ित राशियों के लिए खास माना गया है। जिन जातकों की साढ़े साती व ढईया चल रहा है उन्हें इस दिन पूजा करने से लाभ मिलता है।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन सरसों के तेल से शनिदेव की पूजा करें। साथ ही काली उड़द दाल से बनी इमरती प्रसाद के रूप में अर्पित करें। शनिश्चरी अमावस्या के दिन एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें या शनि मंदिर में कटोरी सहित तेल रखकर आएं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है कि यह उपाय कम से कम पांच शनिवार करने से शनिदोष में लाभ मिलता है।
 

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