शारदीय नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा
भोपाल (महामीडिया) शारदीय नवरात्रि के पहले दिन आज मां शैलपुत्री की उपासना की जाएगी। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार, पर्वतराज यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इसके साथ ही मां शैलपुत्री का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- प्रात:काल 6 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- मध्यान्ह 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक
स्थिर लग्न कुम्भ- दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 55 मिनट तक।
दूसरा स्थिर लग्न- वृष रात में 7 बजकर 6 मिनट से 9 बजकर 2 मिनट तक होगा।
सर्वार्थसिद्धि योग- सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 18 अक्टूबर को सूर्योदय तक रहेगा।
इस मंत्र का करें जाप
कहा जाता हैं कि आज के दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने और उनके मंत्र का जप करने से व्यक्ति का मूलाधार चक्र जाग्रत होता है। अतः माता शैलपुत्री का मंत्र
वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्र अर्धकृत शेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
इस प्रकार माता शैलपुत्री के मंत्र का कम से कम 11 बार जप करने से आपका मूलाधार चक्र तो जाग्रत होगा ही, साथ ही आपके धन-धान्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य में वृद्धि होगी और आपको आरोग्य तथा मोक्ष की प्राप्ति भी होगी।
इस दिशा में मुंह करके करें देवी की उपासना
देवी मां की उपासना करते समय अपना मुंह घर की पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करके रखना चाहिए।
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जायेगी। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। आज के दिन इन सब चीज़ों का लाभ उठाने के लिये देवी मां के इस मंत्र से उनकी उपासना करनी चाहिए। मंत्र है- 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।'
आज के दिन आपको अपनी इच्छानुसार संख्या में इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे आपको हर तरह के सुख-साधन मिलेंगे। मंत्र जाप के साथ ही शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्र के पहले दिन देवी के शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए। त्रिफला बनाने के लिए आंवला, हरड़ और बहेड़ा को पीसकर पाउडर बना लें। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती हैं।