शुभ होता है दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना
भोपाल (महामीडिया) दशहरा के दिन खंजन, यानी नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बड़ा ही शुभ माना जाता है। दशहरे के दिन इसका दर्शन करना अपनी किस्मत के दरवाजे खोलने के समान है। तिथितत्व के पृष्ठ 103 में खंजन पक्षी के देखे जाने के बारे में और वृहत्संहिता के अध्याय 45 में खंजन के कब किस दिशा में दिखने से मिलने वाले फल के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। आसमान में दिन-प्रतिदिन पक्षियों की घटती संख्या को देखते हुए ये तो नहीं कहा जा सकता है कि आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन जरूर हो ही जायें।
अगर दशहरे के दिन आपको कहीं भी नीलकंठ के दर्शन हो जाये तो उसे देखते हुए कहना चाहिए- खंजन पक्षी, तुम इस पृथ्वी पर आये हो, तुम्हारा गला नीला एवं शुभ्र है, तुम सभी इच्छाओं को देने वाले हो, तुम्हें नमस्कार है।
दशहरे के दिन के दिन आम के बौर को सूंघने की भी परंपरा है। इससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन अच्छा रहता है, मन प्रसन्न रहता है और डिप्रेशन आदि से छुटकारा मिलता है।
विजयदशमी के दिन धान की हरी, अनपकी बालियों को घर के द्वार पर टांगने और गेहूं की बालियों को घर के पुरुषों के कानों पर टांगने का या पगड़ी पर रखने का चलन है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में पैसा आता है।
विजयदशमी के दिन अपने काम से संबंधित शस्त्रों की पूजा करने का भी विधान है। इससे जरूरत पड़ने पर ये आपके काम आते हैं।
विजयदशमी के दिन अपने घर या फिर मंदिर में लाल पताका भी लगानी चाहिए। ये पताका जीत का प्रतीक होती है। इससे आपकी जीत हमेशा सुनिश्चित रहेगी।