बाल हिरासत के मामले रेस ज्यूडिकाटा के सिद्धांत से बाहर

बाल हिरासत के मामले रेस ज्यूडिकाटा के सिद्धांत से बाहर

भोपाल [महामीडिया] केरल हाइकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया कि चाइल्ड कस्टडी मामलों में परिस्थितियों में कोई परिवर्तन होने पर पक्षकारों के लिए न्यायालय से संपर्क करना और आदेश में संशोधन की मांग करना खुला है। फैमिली कोर्ट ने कहा कि शुरू में पारित आदेश को अंतिम नहीं कहा जा सकता, यह कहते हुए कि रेस ज्यूडिकाटा का सिद्धांत बाल हिरासत मामलों में लागू नहीं होता।

फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए जस्टिस राजा विजयराघवन और जस्टिस  मनोज की खंडपीठ ने दोहराया कि यदि परिस्थितियों में परिवर्तन होता है, जो बच्चे की भलाई को प्रभावित करता है तो न्यायालयों के पास कस्टडी आदेशों को संशोधित करने का अधिकार है। यहां तक ​​कि जब आदेश माता-पिता के बीच समझौते,समझ के आधार पर होते हैं तो स्थिति बदलने पर और बच्चे के कल्याण के लिए इसे आवश्यक समझे जाने पर उन पर फिर से विचार किया जा सकता है।

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