सुप्रीम कोर्ट ने 'घी' को पशुधन का उत्पाद मानने का निर्देश दिया 

सुप्रीम कोर्ट ने 'घी' को पशुधन का उत्पाद मानने का निर्देश दिया 

धर्मशाला [ महामीडिया ] सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के सभी अधिसूचित बाजार क्षेत्रों में इसकी खरीद और बिक्री के विनियमन के उद्देश्य से "घी" को "पशुधन का उत्पाद" माना है । जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस भट्टी की खंडपीठ ने कहा, “यह तर्क कि “घी” पशुधन का उत्पाद नहीं है, निराधार है। किसी भी तर्क से रहित है… पशुधन को आंध्र प्रदेश बाजार अधिनियम, 1966 की धारा 2(v) के तहत परिभाषित किया गया, जहां गाय और भैंसें पशुधन हैं। इसलिए निर्विवाद रूप से "घी" दूध का उत्पाद है, जो पशुधन का उत्पाद है। मामले का संबंध 1994 की सरकारी अधिसूचना से है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ एपी के अधिसूचित बाजार क्षेत्रों में इसकी खरीद और बिक्री के विनियमन के उद्देश्य से पशुधन के उत्पादों में से एक के रूप में "घी" को अधिसूचित किया गया है।
 

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