सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल नामांकन शुल्क कम करने के पक्ष में 

सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल नामांकन शुल्क कम करने के पक्ष में 

भोपाल [ महामीडिया]  मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने भी अपने अतीत को याद करते हुए बड़ा ही रोचक किस्सा सुनाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अपना पहला केस कितनी फीस में लड़ा था? मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि लॉ स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वकील के रूप में उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में पहला केस लड़ा था । तब उन्होंने अपने मुवक्किल से 60 रुपए फीस ली थी । देश के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ विभिन्न राज्यों में बार काउंसिल में नामांकन के लिए उच्च शुल्क वसूलने के मामले की सुनवाई कर रहे थे। तब उन्होंने यह टिपप्णी की। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को कहा कि देशभर में विधि स्नातकों को वकील के रूप में नामांकित करने के लिए 600 रुपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता। शीर्ष अदालत ने राज्य बार निकायों द्वारा लिये जा रहे ‘अत्यधिक’ शुल्क को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
राज्य बार काउंसिल द्वारा ली जाने वाली फीस में कोई एकरूपता नहीं है। केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में यह 15,000 रुपये की सीमा में है , जबकि ओडिशा जैसे अन्य राज्यों में यह 41,000 रुपये है। पीठ ने कहा कि कानूनी सवाल यह है कि क्या बार काउंसिल कानून में उल्लिखित राशि से अधिक राशि वसूल सकती है ?मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि नामांकन शुल्क बढ़ाना संसद का काम है। राज्य बार काउंसिल को चलाने के लिए विभिन्न खर्चों पर आपने जो मुद्दा उठाया है, वह वैध है।

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