सुप्रीम कोर्ट सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन पर सुनवाई करेगा
भोपाल [ महामीडिया ] सुप्रीम कोर्ट सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जो केंद्र सरकार को फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने में सक्षम बनाता है। सोशल मीडिया मध्यस्थों को केंद्र सरकार के व्यवसाय से संबंधित किसी भी जानकारी को हटा देना चाहिए, जिसे फैक्ट चेकिंग यूनिट ने गलत होने के लिए अधिसूचित किया। ऐसा न करने पर मध्यस्थों को कानूनी देनदारियों का सामना करना पड़ेगा । इन नियमों को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने खंडित फैसला सुनाया, जिसमें जस्टिस जीएस पटेल ने संशोधन रद्द किया, वहीं जस्टिस नीला गोखले ने इसे बरकरार रखा। तीसरे जज, जिनके पास मामला भेजा गया, जस्टिस चंदूरकर ने भी संशोधन बरकरार रखा । मुंबई हाई कोर्ट के खंडित फैसले के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा है ।