
चेतना ही पूर्ण शिक्षा का आधार : ब्रह्मचारी गिरीश जी
भोपाल [महामीडिया ] आज महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को महर्षि चेतना आधारित शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि जैसे ही भौतिक प्रगति आध्यात्मिक प्रगति से जुड़ जाती है वैसे ही व्यक्ति में चमत्कारिक परिवर्तन होते हैं। इससे कार्य करने की पद्धति बदल जाती है एवं फल की प्राप्ति से होने वाले आनंद में आशातीत वृद्धि हो जाती है। यह कार्य भावातीत ध्यान के नियमित अभ्यास से भावातीत चेतना में स्थित होने से संभव हो जाता है। मनुष्य के बाहरी रूप का संबंध उसके आंतरिक रूप से स्थापित हो जाता है । इसी को सभी विद्यालयों को प्राप्त करवाने हेतु महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का महर्षि चेतना पर आधारित शिक्षा के सिद्धांतों से परिचय कराने हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है।
ब्रह्मचारी गिरीश जी का कहना था कि आज ज्ञान की क्रिया और ज्ञान तो है किंतु वह चेतना पर आधारित नहीं है। इसलिए हम आम की जड़ों पर पानी डालते हैं पेड़ पर नहीं। स्वयं परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी कहां करते थे पूरा ज्ञान निशुल्क उपलब्ध है खासकर भारत भूमि में जिसके लिए अमेरिका में न्यूनतम प्रशिक्षण 1,000 डॉलर का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन हमारा महर्षि प्रशिक्षण संस्थान केवल ₹50,000 प्रशिक्षण शुल्क लेकर यह ज्ञान देने को तैयार है। हम पूर्ण ज्ञान एवं शुद्ध ज्ञान के लिए पहल कर रहे हैं। इसके साथ ही हमने महर्षि आध्यात्मिक जागरण अभियान प्रारंभ किया है। जिसमें सभी को नियमित भावातीत ध्यान का अभ्यास एवं स्त्रोत पाठों का सही उच्चारण सिखाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय एक यूनिट के रूप में काम करेगा। हमें ज्ञान का तीर छोड़कर कनेक्ट करना है अर्थात सीधे संवाद की प्रक्रिया प्रारंभ करनी है। ब्रह्मचारी गिरीश जी का कहना था कि शिव कवच, लक्ष्मी अष्टक एवं बजरंग बाण का सही उच्चारण के साथ सामूहिक सकारात्मकता निर्मित होगी एवं नकारात्मकता का अंत होगा। ऐसा हम सभी लोग मिलकर सभी शहरों एवं गांव में करेंगे। इसको करने से भारत की जडें पूरी दुनिया में स्थापित होगी। इसलिए सभी लोग चेतना आधारित भावातीत ध्यान की शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहें । जो पहले हो चुका है वह गुजर चुका है किन्तु आगे अब सब अच्छा होगा। आनंदित सुखी एवं आदर्श जीवन के लिए परम आवश्यक है। स्वयं परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी कहा करते थे गलती विहीन जीवन जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। इसलिए आप सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सीबीएसई का पाठ्यक्रम तो पूरा करना है ही और यह हमारी ड्यूटी है लेकिन चेतना आधारित शिक्षा हमारी प्राइम ड्यूटी है इसको सभी लोग गांठ बांध लें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय म प्र. के सिवनी एवं खरगोन, उड़ीसा के नयागढ़ एवं तमिलनाडु के तिरुवन्नामलई के 350 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।