महाकुंभ के महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी पाठ एवं हवन

महाकुंभ के महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी पाठ एवं हवन

प्रयागराज [ महामीडिया] प्रयागराज में महाकुंभ के शुभ अवसर पर संगम तट पर स्थित महर्षि आश्रम में संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए महर्षि महेश योगी जी के तपोनिष्ठ शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी की उपस्थिति में वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन प्रत्येक दिन चल रहा है । रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन का मुख्य उद्देश्य विश्व के प्रत्येक नागरिक एवं राष्ट्र को अजयेता प्रदान करना है। महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन महाकुंभ के अवसर पर 45 दिनों तक निरंतर चलेगा । यहाँ पर अपरान्ह में  श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। कथा का वाचन विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य रामविलास चतुर्वेदी जी महाराज के द्वारा किया जा रहा है।संध्याकाल में सुप्रशिद्ध भजन गायकों द्वारा  सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जा रही है। संगम तट पर स्थित महर्षि आश्रम में श्रद्धालुओं का निरंतर आगमन बना हुआ है। सुबह यज्ञ एवं पाठ से लेकर श्री शिव महापुराण कथा  एवं रात्रि में विभिन्न भजन गायकों द्वारा दी जा रही एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन महाकुंभ के अवसर पर 45 दिनों तक निरंतर चलेगा ।

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