देवताओं के शिल्पी हैं भगवान विश्वकर्मा

देवताओं के शिल्पी हैं भगवान विश्वकर्मा

भोपाल [ महाडिया] सृष्टि का संचालन त्रिदेवों के साथ ही भगवान विश्वकर्मा की वजह से ही हो रहा है। आज हमारे आसपास जितनी भी मशीनरी और निर्माण कार्य दिख रहे हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की वजह से ही हो रहा है। भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का इंजीनियर भी कहा जाता है। भगवान विश्वकर्मा को  देव शिल्पी भी कहा जाता है। वास्तु के 18 उपदेष्टाओं में विश्वकर्मा को प्रथम स्थान प्राप्त है। विष्णु पुराण के पहले अंश में विश्वकर्मा को देवताओं का वर्धक या देव बड़ाई कहा गया है। 

  • भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का सातवां पुत्र माना जाता है।  
  • भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल, पुष्पक विमान, स्वर्ग लोक आदि का निर्माण किया था।  
  • भगवान विश्वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका नगरी, सुदामापुरी, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, लंकानगरी का निर्माण किया था।  
  • भगवान विश्वकर्मा को वास्तुकला का अद्वितीय आचार्य और आदि अभियंता माना जाता है।  
  • भगवान विश्वकर्मा ने ही वास्तुकला को एक शास्त्र के रूप में प्रस्तुत करने वाला पहला ग्रंथ लिखा था। 
  • भगवान विश्वकर्मा को शिल्पावतार भी कहा जाता है।  
  • विश्वकर्मा जयंती के दिन कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है । 

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