सीमेंट उद्योग प्रतिस्पर्धा से एकाधिकार की ओर

सीमेंट उद्योग प्रतिस्पर्धा से एकाधिकार की ओर

भोपाल [ महामीडिया] पिछले कुछ वर्षों से सीमेंट उद्योग में प्रतिस्पर्धा ख़त्म करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। दो बड़े खिलाड़ी- कुमार मंगलम बिड़ला और गौतम अडानी, छोटे खिलाड़ियों को अपने पाले में मिलाए जा रहे हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट और अंबुजा सीमेंट  दूसरी कंपनियों का तेज़ी से अपनी कंपनी में या तो विलय कर रही हैं या उनका अधिग्रहण कर ले रही हैं। यह प्रतिस्पर्धा सीमेंट बाज़ार में मोनोपोली की और बढ़ रही है। तीन साल से भी कम समय में गौतम अडानी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी के मालिक बन चुके हैं. उन्होंने मई 2022 में अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड में 63.15% और एसीसी लिमिटेड में 56.69% लेकर इस मैदान में कदम रखा था.लेकिन मामला सिर्फ़ कंपनियों के अधिग्रहण तक सीमित नहीं है। सीमेंट बनाने के लिए सबसे आवश्यक कच्चा माल चूना पत्थर (लाइम स्टोन) है, जिसकी खदानों की नीलामी में 2023-24 में अडानी समूह को बड़ी सफलता मिली थी। कंपनी की वित्त वर्ष 2023-24 में अंबुजा सीमेंट्स ने चूना पत्थर की 24 नई खदानों की बोलियां जीतीं, जिनमें से 20 सिर्फ़ राजस्थान में थीं। वित्त वर्ष 2023-24 में राजस्थान में चूना पत्थर के कुल 21 ब्लॉक की नीलामी हुई थी। इनमें से 20 अंबुजा सीमेंट ने हासिल की थीं, और कम-अस-कम 15 खदानों की नीलामी में अंबुजा सीमेंट बोली लगाने वाली इकलौती कंपनी यानी सिंगल बिडर थी। राजस्थान सरकार ने इनमें से 13 ब्लॉक की नीलामी रद्द कर दी है. वर्तमान में खदानों की अधिकतर नीलामी ऑनलाइन होती है. गौर करें, चूना पत्थर से  जुड़े फ़ैसले लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है, लेकिन ई-नीलामी केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाली एमएसटीसी लिमिटेड ही करती है।  नीलामी की प्रक्रिया दो चरणों में होती है। पहले चरण में कंपनी टेक्निकल बिडर बनने की पात्रता से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराती है। सरकार ब्लॉक के रिजर्व प्राइस यानी बेस प्राइस की घोषणा करती है। नीलामी में शामिल कंपनियों को इसके बराबर या ज्यादा की बोली लगानी होती है, जिसे इनिशियल प्राइस कहा जाता है।सभी मानदंड पूरा करने वाली कंपनी को टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर घोषित किया जाता है और हाईएस्ट इनिशियल प्राइज को फ्लोर प्राइज मान लिया जाता है। टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर को उनके द्वारा पेश किए गए इनिशियल प्राइज के आधार पर सूचीबद्ध किया जाता है। पहले पांच टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर को क्वालिफाइड बिडर मान लिया जाता है, और यही आगे की नीलामी में भाग ले पाते हैं. अगर टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर की संख्या तीन से कम है तो किसी को क्वालिफाइड बिडर नहीं माना जाता है और खनिज (नीलामी) नियम के अंतर्गत नीलामी के प्रथम प्रयास को रद्द कर दिया जाता है।सीमेंट उद्योग, दुनिया के प्रमुख बुनियादी सामग्री उद्योगों में से एक है। सीमेंट बनाने के लिए चूना पत्थर, सिलिका, एल्यूमिना, और जिप्सम जैसे कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है ।

  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है. भारत में सीमेंट की स्थापित क्षमता 500 एमटीपीए है। 
  • सीमेंट उद्योग में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 98 प्रतिशत है, जबकि शेष हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र का है। 
  • सीमेंट के ज़्यादातर कारखाने दक्षिण भारत में हैं। 
  • भारतीय सीमेंट उद्योग विश्लेषण भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है, जिसकी दुनिया भर में स्थापित क्षमता का 7% से अधिक हिस्सा है। भारत में सीमेंट की स्थापित क्षमता 298 मिलियन टन प्रतिवर्ष के उत्पादन सहित 500 एमटीपीए है। 

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