चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन रावण वध की परंपरा 

चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन रावण वध की परंपरा 

भोपाल [ महामीडिया] जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर स्थित ग्राम चिकलाना में चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन 18 अप्रैल को करीब 100 साल से चली आ रही रावण वध की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। वध से पहले श्रीराम और रावण के बीच वाक युद्ध भी होगा। इसे लेकर गांव में तैयारियां की जा रही हैं। 17 अप्रैल से लगने वाले तीन दिवसीय मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। शाम 5:00 बजे ग्राम के श्री हरिमंदिर से राम रेवाड़ी निकलेगी। जो ग्राम के प्रमुख मार्गो से होकर दशहरा मैदान पहुंचेगी। आयोजन की शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ से होगी। उसके पश्चात राम तथा रावण की सेवा के बीच वाक युद्ध होगा। 18 अप्रैल को परंपरा अनुसार हनुमान मंदिर से ग्राम के बैरागी परिवार के बैरागी हनुमान के रूप में दौड़कर रावण प्रतिमा स्थल पहुंचेंगे और अपनी गदा से रावण की नाभि पर वार करेंगे। इसके बाद रावण की नाक काटकर उसे अपमानित कर वध किया जाएगा। उसी दिन शाम 7:00 से मेले में हास्य कवि सम्मेलन होगा। 19 अप्रैल को रंगारंग आर्केस्ट्रा के साथ मेले का समापन भी होगा।

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