फाइलेरिया से निपटने के लिए भारत के सशक्त कदम

फाइलेरिया से निपटने के लिए भारत के सशक्त कदम

भोपाल [ महामीडिया] भारत ने बीते कुछ सालों में फाइलेरिया से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस बीमारी से निपटने के लिए 6 राज्यों के 63 जिलों को टारगेट करके एक अभियान चलाया गया। इसका उद्देश्य साल 2023 में पूर्ण किये गए लक्ष्यों को  82.5% कवरेज रेट को पार करना था। फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसके कारण फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है यानी शरीर के किसी हिस्से में फ्लूइड जमा हो सकता है। कई मामलों में तो इससे विकृति या विकलांगता भी हो सकती है।इस बीमारी से जो अंग प्रभावित होता है, वह सूजकर भारी-भरकम हो जाता है। आमतौर पर इसके चलते पैर का आकार बहुत भारी हो जाता है। यही कारण है कि इसे एलिफेंटियासिस या हाथी पांव बीमारी भी कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में लोग इसे फाइलेरिया कहते हैं। मौजूदा वक्त में भारत के 74 करोड़ लोगों को फाइलेरिया का खतरा है।

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