
गुरु आज्ञा अविचारणीय : ब्रह्मचारी गिरीश जी
भोपाल [महामीडिया] आज महर्षि महेश योगी संस्थान में श्री गुरु पूर्णिमा धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महर्षि महेश योगी संस्थान के प्रमुख वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने इस अवसर पर कहा कि "वैदिक गुरु परंपरा का आज विशिष्ट दिवस है। गुरु ही ब्रह्म है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही शिव है। अनादि से अनंत काल तक शिव का शासन है। यहां शासन का तात्पर्य शाश्वत से है। गुरु परंपरा में हम गुरु के चरण पादुकाओं का पूजन करते हैं। महर्षि जी जब मौन से बाहर निकलते थे तब उनके चरणों का स्पर्श एवं स्पंदन आज भी हमारे मन में है।
ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आगे कहा कि "महर्षि जी ने कभी भी अपने आप को गुरु नहीं कहलवाया बल्कि वह अपने समस्त उपलब्धियों का श्रेय अपने गुरु स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज को दिया करते थे। गुरुदेव ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज के नाम के आगे अनंत श्री विभूषित लगाने का अभिप्राय बताते हुए उन्होंने बताया कि गुरुदेव ने 11, 000 वैदिक पंडितों को दीक्षित किया था और प्रत्येक को 11,000 की दक्षिणा भी दी जाती थी। यह राशि कहां से आती थी यह आज भी खुद रहस्य का विषय बना हुआ है। इसलिए गुरुदेव के नाम के आगे अनंत श्री विभूषित लगाया जाता है।"
इसके पश्चात ब्रह्मचारी गिरीश जी ने 153 महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों, महर्षि विश्वविद्या पीठ, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय ,महर्षि महाविद्यालयों , महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट बिलासपुर, महर्षि फार्मेसी रिसर्च सेंटर, महर्षि किड्स होम, महर्षि विश्व शांति आंदोलन की समस्त इकाइयों की उपलब्धियां को श्री गुरु चरणों पर समर्पित करते हुए आगामी वर्ष की कार्य योजनाओं हेतु आशीर्वाद मांगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि "महर्षि फार्मेसी रिसर्च सेंटर 48 दवाइयां के उत्पादन से प्रारंभ किया गया था जो कि अब बढ़कर 84 दवाइयां तक पहुंच चुका है। इस अवसर पर उन्होंने महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों में 15,000 नए ध्यान शिक्षकों को जोड़ने की घोषणा करते हुए महर्षि आध्यात्मिक जन जागरण इकाइयों की संख्या 1 लाख तक पहुंचाने का संकल्प लिया।"
इसके पश्चात ब्रह्मचारी गिरीश जी ने महर्षि विश्व शांति आंदोलन के त्रैमासिक न्यूज लेटर, ई-ज्ञान पत्रिका, महामीडिया मासिक पत्रिका का नवीन अंक एवं प्रो. भुवनेश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक महर्षि रामचरितमानस का लोकार्पण किया। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु प्रो. भुवनेश शर्मा के महर्षि जी के सानिध्य के 50 वर्ष पूर्ण होने एवं आयु के 75 वर्ष पूर्ण होने पर उनका संपूर्ण महर्षि परिवार की ओर से आत्मीय एवं भव्य स्वागत किया।
श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार वैदिक गुरु परंपरा पूजन एवं वैदिकपाठ के साथ प्रारंभ हुआ । इसके पश्चात महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं ने गुरु वंदना एवं गणेश वंदना के सुमधुर स्वागत गीत प्रस्तुत किए। इस दो दिवसीय श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह, महर्षि विश्व विद्या पीठ एवं महर्षि विश्व शांति आंदोलन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव का लाइव प्रसारण रामराज टीवी के वेबसाइट www.Ramrajtv.com एवं इसके यूट्यूब एवं फेसबुक चैनलों पर भी किया गया। इस दो दिवसीय श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजधानी भोपाल के छान वार्ड स्थित श्री ब्रह्मानंद सरस्वती आश्रम के महर्षि उत्सव भवन में किया गया था।