अंशकालिक शिक्षण सेवा को पेंशन लाभ में जोड़ने के निर्देश
भोपाल [ महामीडिया] बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जस्टिस नितिन डब्ल्यू. साम्ब्रे और वृषाली वी. जोशी की खंडपीठ ने माना कि महाराष्ट्र सिविल सेवा नियम 1982 के तहत अंशकालिक शिक्षण सेवा को पेंशन लाभ में गिना जाना चाहिए। इसने पुष्टि की कि याचिकाकर्ता जो अंशकालिक से पूर्णकालिक शिक्षण में चले गए 1999 में अपनी पहली नियुक्ति से पेंशन लाभ के हकदार थे। इसने माना कि अंशकालिक शिक्षक के रूप में सेवा की गई आधी अवधि साथ ही पूर्णकालिक व्याख्याता के रूप में बिताई गई पूरी अवधि को पेंशन गणना के लिए माना जाना चाहिए। अदालत ने राज्य को तदनुसार लाभ प्रदान करने का आदेश दिया।