लघु उद्योग डालने के लिए 'बिग कंट्री लिटिल बिजनेस' पुस्तक

लघु उद्योग डालने के लिए 'बिग कंट्री लिटिल बिजनेस' पुस्तक

भोपाल [ महामीडिया ]  आज भोपाल में भारतीय लघु उद्यमियों और छोटे व्यवसाईयों के लिए एक मार्गदर्शिका पुस्तक 'बिग कंट्री लिटिल बिजनेस' का लोकार्पण किया गया। यह पुस्तक भारतीय अर्थव्यवस्था के छोटे व्यवसायों के सामने आने वाली चुनौतियों का गहन अध्ययन करके प्रस्तुत की गई है। इसे प्रतिष्ठित लेखक एवं आइसेक्ट समूह के अध्यक्ष संतोष चौबे,  ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉक्टर सिद्धार्थ चतुर्वेदी एवं आईसेक्ट की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर पल्लवी राव चतुर्वेदी द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया है। आईसेक्ट की चालीस साल की यात्रा का अनुभव एवं 40 उद्यमियों की सफलता के सूत्रों को इसमें पिरोया गया है। पुस्तक में छोटे उद्योगों को सफलता को राह दिखाने के लिए व्यावहारिक सुझाव, रणनीतियां और 100 से अधिक बिजनेस आईडियाज को शामिल किया गया है। पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर लेखकों ने अपने-अपने अनुभव, इस पुस्तक को लिखने के पीछे की प्रेरणा साझा की। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत किया गया इसके पश्चात लेखकों ने पुस्तक के मुख्य बिंदुओं और देश पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस अवसर पर आईसेक्ट के अध्यक्ष संतोष चौबे ने कहा कि' भारत में आज 90% स्टार्टअप टियर 2 एवं टियर 3 नगरोंसे आ रहे हैं ऐसे में छोटे व्यवसायों को लेकर बहुत अधिक संभावनाएं हैं लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। हमने इस पुस्तक के माध्यम से उन्हें प्रेरित करने और एक ठोस दिशा प्रदान करने का प्रयास किया है। यह पुस्तक व्यापारियों के लिए एक गाइड है जो कि उन्हें न केवल प्रेरणा देगी बल्कि व्यवसाय को सफल बनाने के व्यावहारिक तरीके भी सिखाएगी।'

इस अवसर पर सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि 'वर्तमान समय में भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। यहां 1,60,000 से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप है और 5 करोड़ से अधिक सूक्ष्म उद्यम हैं। उनका कहना था कि मध्यम एवं लघु उद्योग देश की जीडीपी में 29% का योगदान दे रहे हैं इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमने भारतीय संदर्भ में व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया को समझाने पर जोर दिया है। हमारी कोशिश थी कि यह किताब व्यावसायिक संभावनाओं की एक विस्तृत तस्वीर पेश करें डिजिटल युग में छोटे व्यवसायों को तकनीकी टूल्स का सही उपयोग करना आना चाहिए और हमने इसे सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है।'

इस अवसर पर डॉक्टर पल्लवी राव चतुर्वेदी ने महिलाओं एवं युवाओं के लिए इस पुस्तक की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 'महिलाएं और युवा आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था का भविष्य है। आज 73,000 से अधिक उद्यम महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहे हैं हमने उनकी विशिष्ट जरूरत और संघर्षों को समझते हुए इस पुस्तक में उनके लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए समाधान और बिजनेस आईडियाज को शामिल किया है। हमारा मानना है कि अगर उन्हें सही दिशा और अवसर मिला तो वह चमत्कार कर सकते हैं।'

इस पुस्तक के मुख्य विषय वस्तु में लघु उद्योग के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर गहन चर्चा, सीमित संसाधनों के साथ व्यापार करने की रणनीतियां, महिलाओं एवं युवाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए बिजनेस आईडियाज, स्थानीय बाजार, उपभोक्ता व्यवहार और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए व्यापार रणनीतियों को शामिल किया गया है। इस पुस्तक में नेटवर्किंग की अहमियत, फंडिंग के विकल्प, लंबे समय तक सफलतापूर्वक व्यवसाय चलाने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई है।

यह सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों के लिए एक बेहतर पुस्तक साबित हो सकती है।
 

सम्बंधित ख़बरें