
चातुर्मास में मांगलिक कार्य क्यों नहीं होते....
भोपाल [महामीडिया] चातुर्मास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान विष्णु निद्रा में होते हैं, तब उनकी ऊर्जा क्षीण हो जाती है जिससे शुभ कार्यों का फल प्राप्त नहीं होता। साथ ही यह समय वर्षा ऋतु का होता है जब यात्राएं कठिन होती हैं और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। इसलिए भी इस अवधि में विवाह और अन्य सामाजिक आयोजनों से बचा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के इन महीनों में भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर योग-निद्रा में चले जाते हैं। जब देवता ही निद्रा में होते हैं तो उनके सामने शुभ कार्य करना उतना फलदायी नहीं होता। यही कारण है कि शादी, गृह प्रवेश जैसे कार्य इन महीनों में नहीं किए जाते। चातुर्मास का समय सावन शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक रहता है यानी लगभग चार महीने तक। इस दौरान न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि मौसम और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मांगलिक कामों को रोककर रखने की सलाह दी जाती है।