विजयराघवगढ़ का ऐतिहासिक किला
कटनी [ महामीडिया] देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले विजयराघवगढ़ रियासत के राजा प्रयागदास के पुत्र राजा सरयूप्रसाद का किला आज भी अपनी कहानी बयां करता है। 1857 की क्रांति में इस महायोद्धा ने न सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ बगावत शुरू की थी बल्कि ये वे पहले शख्स हैं, जिन्होंने अंग्रेज कमिश्नर को गोली दागी थी और फिर अंग्रेजों के खिलाफ उठी थी चिंगारी। ऐसे वीर, शौर्यवान, देशभक्त का निवास ऐसा है जो देखते ही बनता है। विश्व विख्यात विजयराघवगढ़ का किला जहां की सुरक्षात्मक बनावट, नक्काशी देखने लायक है। 1826 में शुरू हुआ इसका निर्माण कई वर्षों में पूरा हुआ। इस किले की खासियत है कि यह चारों तरफ से बड़ा ही सुरक्षित है। दो ओर से यह नदियों से घिरा है, तीसरी ओर विशाल पहाड़ इसकी रक्षा कर रहा है। यहां पहुंचने वाले लोग इसकी बनावट को देखकर दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं। इसके अलावा यहां पर विजय के प्रतीक राघव जी का मंदिर, रंगमहल की नक्काशी, रनिवास का आकार, गढ़ी के निर्माण की कलाकृति, दीवारों की नक्काशी देखने लायक है। विजयराघवगढ़ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के कटनी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह महानदी के किनारे बसा हुआ है। विजयराघवगढ़ इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। यहाँ का किला प्रसिद्ध है, जिसका निर्माण सन् 1826 में हुआ था। विजयराघवगढ़ की जनसंख्या 7157 थी। जिसमें पुरुषों 53% एवं महिला 47% हैं। विजयराघवगढ़ की औसत साक्षरता दर 67% है जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से अधिक है। विजयराघवगढ़ में पुरुष साक्षरता 76% एवं महिला साक्षरता 56% है। विजयराघवगढ़ में जनसंख्या में 16% योगदान 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों का है।यह कटनी से 32 किमी जबलपुर से 120 एवं सतना से 80 किमी दूरी पर स्थिति है। कटनी से 33 किमी दूर, विजयराघवगढ़ एक ऐतिहासिक स्थान है | कटनी से 33 किमी दूर, विजयराघवगढ़ एक ऐतिहासिक स्थान है, जो समुद्र तल से 350 मीटर ऊँचा है और राजकुमार प्रयागदास ने भगवान विजयराघव के एक मंदिर का निर्माण किया और किले का नाम विजयराघवगढ़ रखा। इस किले के एक किनारे पर एक दरबार उपलब्ध है, दूसरी तरफ एक खूबसूरत इमारत है, जिसे रंग महल के नाम से जाना जाता है, कारीतलाई से डिजाइन किए गए किले के विभिन्न भाग में पत्थर हैं। यह कटनी जिले का सबसे खूबसूरत किला है। विश्व प्रसिद्ध विजयराघवगढ़ किला, जहां की सुरक्षात्मक संरचना, नक्काशी देखने लायक है। इसका निर्माण, जो 1826 में शुरू हुआ, कई वर्षों में पूरा हुआ। इस किले की खासियत यह है कि यह चारों तरफ से बेहद सुरक्षित है। यह दो तरफ से नदियों से घिरा हुआ है, तीसरी तरफ एक विशाल पर्वत इसकी रक्षा कर रहा है। यहां पहुंचने वाले लोग इसकी बनावट देखकर दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं।