जीनोमिक जाँचों की मांग में भारी वृद्धि

जीनोमिक जाँचों की मांग में भारी वृद्धि

मुंबई [महामीडिया] देश में जीनोमिक जांच की मांग में पिछले दो साल के दौरान काफी वृद्धि हुई है। तेजी से हो रहे तकनीकी विकास और व्यक्तिगत चिकित्सा को तेजी से अपनाए जाने की वजह से जीनोमिक जांच को बढ़ावा मिला है। बड़े शहरों में विशेष सेवा वाली जीनोमिक डायग्नोस्टिक का अब मझोले और छोटे शहरों में भी विस्तार हो रहा है। इस तरह यह निवारक और सटीक स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य को फिर से आकार दे रही है।साल 2024 में भारतीय जीनोमिक डायग्नोस्टिक बाजार का मूल्य 55 करोड़ डॉलर था। उद्योग के अनुमानों के अनुसार यह 18 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ेगा और साल 2030 तक 206.631 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।इस वृद्धि के प्रमुख कारणों में चिकित्सा संबंधी व्यापक स्वीकृति, परीक्षण की कीमतों में गिरावट, बेहतर पहुंच और  व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा की दिशा में बदलाव शामिल हैं। जहां मुंबई, और दिल्ली जैसे महानगरों की अब भी बड़ी हिस्सेदारी है वहीं भुवनेश्वर, पुणे, कोच्चि और सूरत जैसे शहरों में बढ़ती जागरूकता और बुनियादी ढांचे की वजह से शहरी केंद्रों से परे मांग को बढ़ावा मिल रहा है।

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