कृषि उत्पादों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया

कृषि उत्पादों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया

भोपाल [महामीडिया] भारत ने अपने कृषि उत्पादों को तीन श्रे​णियों में वर्गीकृत किया है। पहली श्रेणी में उन वस्तुओं को रखा गया है जिन पर कोई मोलभाव या बातचीत नहीं हो सकती जबकि दूसरी श्रेणी में अत्य​धिक संवेदनशील वस्तुओं को और तीसरी श्रेणी में उदारतापूर्वक विचार की जाने वाली वस्तुओं को रखा गया है। यह वर्गीकरण वस्तुओं की आ​र्थिक एवं राजनीतिक संवेदनशीलता के आधार पर किया गया है। चावल और गेहूं जैसी मुख्य खाद्य वस्तुओं को पहली श्रेणी में रखा गया है जहां शुल्क में किसी भी तरह की रियायत पर विचार नहीं किया जा सकता है। काफी संवेदनशील वस्तुओं सेब आदि को रखा गया है जो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के किसानों के हितों से जुड़े हैं। इस श्रेणी की वस्तुओं पर न्यूनतम आयात मूल्य अथवा शुल्क दर कोटा के जरिये सीमित रियायतें दी जा सकती हैं। मगर भारत के अमीर लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली महंगी वस्तुओं के आयात के मामले में सरकार उदार रुख अपना रही है जहां शुल्क में भारी छूट दी जा सकती है। इस श्रेणी में बादाम, पिस्ता, अखरोट, ब्लूबेरी आदि वस्तुएं शामिल हैं।

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