
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस एक मई को
भोपाल [ महामीडिया] हर साल एक मई को पूरी दुनिया मजदूर दिवस के रूप में मनाती है. इस दिन को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मजदूर दिवस (के नाम से भी जाना जाता है. मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया में मजदूरो के संघर्षो और उनके योगदान को याद किया जा सके. साल 1886 में अमेरिका मे मजदूरों का आंदोलन शुरू हुआ जिसके बाद यह तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन केवल 8 घंटे ही काम लिया जा सकेगा. हालांकि यह बातें कहने और सुनने में तो अच्छी लगती हैं लेकिन वास्तविकता कहीं न कहीं इससे भिन्न है. अंतरराष्ट्रीय मजदूर के मुताबिक एक सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम करने के मानक पर विकसित और विकासशील देशों के बीच दोगुने से ज्यादा का अंतर है. जहां विकसित देशों में महजर 15.3 फीसदी से ज्यादा आबादी 48 घंटे से ज्यादा काम करती है वहीं विकासशील देशों में करीब 40 फीसदी से अधिक आबादी को ज्यादा काम करना पड़ता है.