दस महाविद्याओं की साधना का उत्सव माघ गुप्त नवरात्रि
भोपाल [ महामीडिया ] माघ मास की गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो विशेष रूप से दस महाविद्या के साथ देवी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना के लिए मनाई जाती है। यह पर्व आमतौर पर माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है गुप्त नवरात्रि में देवी सती से उत्पन्न हुईं दस महाविद्याओं की कृपा पाने के लिए साधना की जाती है।
ये हैं दस महाविद्याएं
काली : समय और मृत्यु की देवी हैं।
तारा : करुणा और ज्ञान की देवी हैं।
त्रिपुर सुंदरी : सौंदर्य, प्रेम और अध्यात्म की देवी हैं।
भुवनेश्वरी : संपूर्ण सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी हैं।
छिन्नमस्ता : आत्मत्याग और बलिदान की प्रतीक हैं।
भैरवी : तपस्या और साधना की देवी हैं।
धूमावती : देवी का ये स्वरूप त्याग, वैराग्य का प्रतीक है।
बगलामुखी : देवी का ये स्वरूप शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है।
मातंगी : विद्या, कला और संगीत की देवी हैं।
कमला : धन, वैभव और समृद्धि की देवी हैं।