तीर्थयात्रियों ने आज गुरुदेव ब्रह्मानंद सरस्वती जी की गुफा में भावातीत ध्यान किया

तीर्थयात्रियों ने आज गुरुदेव ब्रह्मानंद सरस्वती जी की गुफा में भावातीत ध्यान किया

भोपाल [ महामीडिया] आज महर्षि परिक्रमा का चतुर्थ दिवस था, सभी तीर्थयात्री अमरकंटक मे थे। सभी तीर्थयात्रियों ने आज प्रातः गुरु परम्परा पूजन तथा भावातीत ध्यान किया। इसके उपरांत सभी  ने आर. एस. पटवारी के नेतृत्व में बस से परम पूज्य महर्षि जी के गुरुदेव अनंत श्री विभूषित ब्रह्मानंद सरस्वती जी की गुफा जहां उन्होंने वर्षों तपस्या किया था  के लिए प्रस्थान किया । गुफा तक जाने का रास्ता अत्यंत दुर्गम और जटिल था। अतः केवल पांच लोगों ने वहाँ तक जाने का निर्णय किया और गुफा मे बैठ कर भावातीत ध्यान किया।

गुफा में जाने वाले पांचों तीर्थयात्रिओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि "वहां बैठ कर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो हम साक्षात गुरुदेव की शरण  में आ गए हैं और वह हमे आशीर्वाद दे रहें है। अति आनंद और शांति की अनुभूति चरम पर थी। यहां हम सभी के चक्षुओं में मुदिता के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। इस विशेष स्थल के आनंद की अनुभूति हमारे  स्मृति में सदैव -सदैव अंकित रहेगी।"

गुफा में पहुँचने वाले पांच भाग्यशाली व्यक्तियों में आर. एस.पटवारी, श्रीमती स्नेह चतुर्वेदी, पूशन शर्मा , केदारनाथ और  वीरेंद्र कोष्टी शामिल थे । इसके बाद आज सभी  तीर्थयात्रियों ने कपिल धारा और दुग्ध धारा के दर्शन किए और भोजन ग्रहण करने के बाद ब्रह्मस्थान, करौंदी के लिए प्रस्थान किया।         

जीवन में जब सतोगुण का उभार आता है तब ऐसे युगदृष्टा की तपस्या स्थली के दर्शन सुलभ होते हैं इसे साकार अनुभव किया है महर्षि परिक्रमा के तीर्थयात्रियों ने ।  आठ दिवसीय यह तीर्थ यात्रा  महर्षि परिक्रमा  21 दिसंबर को रायपुर से प्रारंभ होकर 28 दिसंबर को जबलपुर में पूर्ण होगी।

इस तीर्थ यात्रा के दौरान तीर्थ यात्री विश्व गुरु महर्षि महेश योगी जी के जन्मस्थल पांडुका एवं उनकी साधना स्थली, अमरकंटक में मां नर्मदा के उदगम स्थल, मां शारदा देवी धाम मैहर, महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, जबलपुर के भेड़ाघाट एवं ब्रह्मस्थान में चल रहे अतिरुद्राभिषेक में शामिल होकर दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे।

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