चावल के निर्यात मूल्य में गिरावट का दौर

चावल के निर्यात मूल्य में गिरावट का दौर

भोपाल [ महामीडिया] दुनियाभर में चावल के निर्यात मूल्य में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी मुख्य वजह कम मांग और बाजार में पहले से मौजूद पर्याप्त सप्लाई है। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, वहां पिछले तीन महीनों में चावल की निर्यात कीमतें सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। 5% टूटी हुई लोकप्रिय किस्म, पारबॉइल्ड (उबले चावल) की कीमत इस हफ्ते घटकर 528-536 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो पिछले हफ्ते 538-546 डॉलर प्रति टन थी। पिछले महीने ही यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर 560 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई थी। वहीं दूसरी तरफ, थाईलैंड में इस हफ्ते चावल के निर्यात मूल्य में खास बदलाव नहीं देखने को मिला है।एक चावल निर्यातक ने चिंता जताई है कि एशियाई और अफ्रीकी देशों से चावल की मांग में भारी गिरावट आई है। उनका कहना है कि कुछ निर्यातक कम शुल्क देकर विदेशी खरीदारों को सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में भारत सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उबले चावल के निर्यात पर 20% शुल्क लगा दिया था।

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