सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले में जमानती वारंट की आलोचना की
नईदिल्ली [ महामीडिया] घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत एक मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा जमानती वारंट जारी करने की सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मामलों में जमानती वारंट जारी करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि वे अर्ध-आपराधिक कार्यवाही हैं और जब तक सुरक्षा आदेश का उल्लंघन नहीं किया जाता है तब तक दंडात्मक परिणाम नहीं होते हैं। जस्टिस संदीप मेहता की पीठ घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत याचिकाकर्ता की सास द्वारा दायर घरेलू हिंसा मामले को स्थानांतरित करने की मांग वाली स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी ।