
भगवान जगन्नाथ को मालपुए के भोग की परंपरा
कटक [महामीडिया] पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा भारत के सबसे भव्य और महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। यह पर्व हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इस नौ दिवसीय यात्रा के दौरान भगवान को तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं, जिनमें मालपुआ का विशेष स्थान है। भगवान जगन्नाथ को मालपुआ बहुत ज्यादा प्रिय है और यह परंपरा दशकों पुरानी है। रथ यात्रा के दिन जब भगवान अपने भाई-बहन के साथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं तब उन्हें विशेष रूप से मालपुए का भोग लगाया जाता है। यह मालपुआ केवल रथ यात्रा के दिन ही बनाया जाता है और भगवान को अर्पित करने के बाद भक्तों में बांटा जाता है।